|
भाई बहिन यज्ञ के सम्बन्ध में I
क्यों नहीं हो हम सब मैं प्यार ; बड़े सदा हम सब मैं प्यार I
सच्चे मित्र परस्पर बन के, सुख और दुख में साथी रह के; एक दूजे के सेवा कर के, करें परस्पर हम उपकार I
सूत्र स्नेह से हम सब बंध के, अनुचित कलेश कभी नहीं देके, दिन दिन लाभ निकटता करके, धन्य बने हम सब प्रकार I
भाई बहिन यज्ञ साधन से, जीवन अपना विकास करके, दिन दिन शुभ स्नेह में बढ़ के, सुफल करें अपना अधिकार I
|